5 SIMPLE STATEMENTS ABOUT SELF-IMPROVEMENT STORIES EXPLAINED

5 Simple Statements About self-improvement stories Explained

5 Simple Statements About self-improvement stories Explained

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उसके पड़ोसी ने कंजूस के रोने की आवाज सुनी और उससे पूछताछ की कि क्या हुआ। क्या हुआ यह जानने पर, पड़ोसी ने पूछा, “आपने घर के अंदर पैसे क्यों नहीं रखे?

“सर, वो…..” छात्र कुछ हिचकिचाते हुए बोला, “….मेरे अतीत में कुछ ऐसा हुआ है, जिसकी वजह से मैं परेशान रहता हूँ. समझ नहीं आता क्या करूं?”

जब उसने तीसरी बार वही चुटकुला सुनाया तो कोई भी नहीं हंसा।

हर कार्य को करने से पहले अच्छी तरह सोचना चाहिए।

“Once i acquired laid off at fifty three from a senior administration position which has a battling restaurant chain, I realized it was going to be tough to find An additional job in the company environment. I also understood it had been now or under no circumstances to pursue my lifelong aspiration of possessing my own cafe. What was most overwhelming was that, in order to make this happen, I was likely to should find an existing café that was underperforming and whose operator was hugely determined to have out of his lease. I bought extremely Blessed and found just what I needed 8 blocks from home.

गाँधी जी ने सोचा की जब पिता जी को मेरे इस अपराध की जानकारी होगी तो वह उन्हें बहुत पीटेंगे.

Right after I used to be comfortable with every thing I had discovered, I labored towards opening my restaurant, which I named right after my mom. It has not been with out its very own list of issues, but I don’t regret my selection. I love staying In this particular scene and Assembly new men and women. I guess it jogs my memory of my Mother.”

वह व्यक्ति जोर से हंसा -” जो व्यक्ति समय का भी ध्यान ना रखे, उससे भला क्या ही अपेक्षा की जा सकती है। महर्षि उस व्यक्ति के व्यंग के पीछे छुपे विचार को समझ गए, महर्षि बोले- फिर भी हमें कुछ देर इंतज़ार करना चाहिए। 

'वाह सरकार, आप तो हमारे प्रधानमंत्री हैं, गरीब कैसे? हम तो आपको ये साड़ियाँ भेंट कर रहे हैं।' मिल मालिक कहने लगा।

बेचारे व्यक्ति को एक फूटी कौड़ी नसीब नहीं हुई वह जोर-जोर से रोता व सर को पटकता हुआ घर की तरफ वापस लौटा – उसने समय की कीमत को नहीं समझा इसलिए उसे पछताना पड़ा 

उन्होंने भारत के अंतरिक्ष और रक्षा कार्यक्रमों more info में महत्वपूर्ण योगदान दिया।

फिर दूसरे दिन जब उस आम ने देखा के उसके साथ के सारे आम तो जा चुके हैं केवल उसी का मोह उसे पेंड से अलग होने नहीं दे रहा है। उसे अपने मित्र आमों की याद सताने लगी। 

व्यापारी की उलझन

चुनौतियों का सामना करने से डरना नहीं चाहिए।

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